Rizwan Ahmed (Saif)
इधर उधर दिल के लगाने से नहीं à¤ूल रहा
वो शख्श लाख à¤ुलाने से à¤ी नहीं à¤ूल रहा
मुद्दतों से मैंने उसे याद ज़रा à¤ी किया नहीं
लेकिन वो शख्श याद ना करने से नहीं à¤ूल रहा
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