Rizwan Ahmed (Saif)
आज गा लो मुस्कुरा लो - Aaj Gaa Lo Muskura Lo - मोहम्मद रफ़ी - Mohammad Rafi
Movie Lalkar/ फिल्म ललकार
(1972)
Music- Klayanji Anand Ji / संगीत-कल्याणजी आनंद जी
Lyrics Inddivar/गीत इंदीवर
Voice- Mohammad Rafi/ गायक- मोहम्मद रफ़ी
आज गा लो, मुस्कुरा लो,
आज गा लो, मुस्कुरा लो, महफ़िलें सजा लो
किया जाने कल कोई साथी छूट जाए
जीवन की डोर बड़ी कमज़ोर
किसको खबर कहाँ टूट जाए
जीवन की डोर बड़ी कमज़ोर
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
हो तीर हसीनों के खाये ना जिसने
सीने पे गोली खायेगा कैसे, खायेगा कैसे
हाय ज़ुल्फ़ों के साये में जो ना जिया हो
तोपों के साये में गायेगा कैसे, गायेगा कैसे
हो ओ..... ज़िंदगी का कोई हमसफ़र तो बना लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
हो ओ जंग और नफरत भरे इस जहाँ में
मोहब्बत का कोई चलन छोड़ जाओ, चलन छोड़ जाओ
यादों में कोई बहाये जो आंसू
किसी दिल पे ऐसी लगन छोड़ जाओ, लगन छोड़ जाओ
हो ओ. . . . है यादों में कितनी वफ़ा आजमा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
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आज गा लो..... मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
आज गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
किया जाने कल कोई साथी छूट जाए
जीवन की डोर बड़ी कमज़ोर
टूटा हुवा तारा नदियां की धारा
है कौन ऐसा जो लौटा के लाये
हमसे जो बिछड़ा है साथी हमारा
है कौन ऐसा जो लौटा के लाये
अब ये नज़र रास्ते हटा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
शहीदों की खूं है वफ़ा की निशानी
इसे आंसुओं से धोते नहीं हैं
ये मौत है नाज़ करने के क़ाबिल
वीरों के मरने पे रोते नहीं हैं
आज यादों को उनकी गले से लगा लो
गा लो मुस्कुरा लो महफ़िलें सजा लो
किया जाने कल कोई साथी छूट जाये
जीवन की डोर बड़ी कमज़ोर
किसको खबर कहाँ टूट जाए
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