20th over in ipl

 

Rizwan Ahmed (Saif 


वही हालात वही कंडीशन वही सिचवेशन वही बीसवां ओवर और वही रिंकू सिंह महज़ 3 रनों का फर्क था गुजरात के खिलाफ आखरी ओवर में 29 रनों की ज़रूरत थी जो के बनाना नामुमिकन था दुनिया जानती थी ये असंभव काम है लेकिन होनी को कुछ और मंज़ूर था होनी चाहती थी इतिहास बने और और इतिहास बना, 


शनिवार 9 अप्रैल को खेला गया गुजरात टाइटन कोलकाता नाईट राइडर के बीच का मैच बहुत ही रोमांचक रहा , कोलकाता नाईट राइडर को आखरी ओवर जीतने के लिए 29 रनों की ज़रूरत थी जो के आम दर्शक तो किया क्रिकेट के जाने माने एक्सपर्टों की नज़र भी असंभव था, लेकिन क्रिकेट है कुछ भी हो सकता होनी चाहती थी आज इतिहास बने तो उस दिन इतिहास बना, कल यानी फ्राइडे को भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, आखरी ओवर बल्लेबाज़ी पर रिंकू सिंह लेकिन इस बार 29 नहीं 32 रनों की ज़रूरत थी, दर्शकों की साँसे थमी थीं, लग रहा था एक हफ्ते ही पुराना सही लेकिन रिकॉर्ड तो है, तो किया रिंकू सिंह खुद अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं, 

हैदराबाद के कप्तान एडम मार्करम ने गेंद रफ्तार के सौदागर उमरान मालिक के हाथों में थमा दी, रोमांच और बढ़ गया क्योंकि उमरान मालिक जो के अपने पहले ही ओवर में नितीश राणा के हाथों अपनी दुर्गति करवा चुके थे बहुत मार खा चुके थे, हालंकि उमरान मालिक के गेंद हाथ में लेते ही मैदान का पारा आसमान छूने लगता है विकेट गिरना या बहुत रन बनना या कोई घायल होना इन तीन कामों में से एक काम तो होना संभव हो जाता है,

उमरान मालिक के सामने स्ट्राइक पर वाशिंगटन सुन्दर थे जो के पहली बॉल पर आउट हो गए दूसरी बॉल पर उमेश यादव ने एक रन ले कर स्ट्राइक रिंकू सिंह को दे दी 4 बॉल पर 31 रन यानी नो बॉल की ज़रूरत थी उस पर छक्का चाहिए था, लेकिन कोढ़ में खाज उमरान मालिक ने अगली दो बोलों पर कोई रन नहीं दिया, इस तरह रिकॉर्ड बनाने वाले रिंकू सिंह अपने रिकॉर्ड अपने ही हाथों टूटने से बचा लिया ,



ऊपर तस्वीर में दिखाई देने वाला घर किसी और का नहीं बल्कि रिंकू सिंह का है जो रातों रात अब अमीर बन चुके हैं ,

आपको लग रहा होगा आईपीएल खेलने वाला हर खिलाडी मालदार है नहीं बिलकुल ये सच यही है रिंकू सिंह ने इसी घर से अपना क्रिकेट का सफर शुरू किया और आज उसने अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया है, आपको बता चलूँ रिंकू के जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के शहर अलीगढ में हुवा था, ये अलीगढ नाम लिख कर रखलो हो सकता है कल को ये नाम इतिहास बन कर रह जाये ज़रूर बाबा जी की इस पर नज़र होगी, खैर बात यहाँ रिंकू सिंह की चल रही है,

रिंकू सिंह के पिता सिलेंडर डिलवरी का काम करते थे और भाई ऑटो रिक्शा चलाता था, रिंकू पांच भाई बहन है और उनका बचपन तस्वीर में दिखाई दे रहे इसी मकान में गुज़रा है,



ये हम सबके सामने है के किस तरह रिंकू सिंह गरीबी के दलदल में धंसे होने के बावजूद आज देश का सुपरस्टार बन चूका है,



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