Rizwan Ahmed (Saif)
- नफरत भी आपके बस में साहब
- मोहब्बत भी आपके बस में है
- देश में इस वक़्त जो चल रहा है साहब
- वो रोकना भी आपके बस में है
- नफरत की आग में देश जल रहा है
- इस आग को बुझाना आपके बस में है
- आये दिन बोलते हैं नफरती बोली जो
- इनको थामना भी आपके बस में है
- आप कहें तो छोड़ दें हम दुनिया
- ये हिदायत भी आपके बस में
- आखिर करें तो करें किस से शिकायत
- जज भी आपका अदालत भी आपके बस में हैं
- जाएँ तो गरीब मज़लूम कहाँ जाएँ
- ये शहर भी आपका देश भी आपके बस में है
- हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब ही तो आपकी प्रजा हैं
- इनको बना दो भाई भाई ये ताक़त भी आपके बस में हैं
- बहुत लड़ लिए अब तो चुनाव अब बस भी करो
- देश के लिए कुछ अच्छा करो अगर आपके बस में है
- आये दिन रोतीं हैं मरहूमों की माएँ अपनी औलाद के ग़म में
- इन माओं को इंसाफ दिलाना भी तो आपके बस में है
नोट:मैं चाहता हूँ आगे भी इसी तरह कोई भी तानाशाह सरकार के बारे में इसी तरह लिखता जाऊं इसके लिए मुझे आप सब की सपोर्ट चाहिए तीन सालों से इस वेबसाइट को चला रहा हूँ बहुत पैसा खर्च कर चूका हूँ आप लोग मुझे सपोर्ट करें
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