Rizwan Ahmed (Saif)
हाय वो मेरे स्कूल का ज़माना कितना था सुहाना
वो रो धो कर भी रोज़ाना स्कूल जाना ही जाना
वो क्लास रूम में दोस्तों को सताना
वो पी टी की टीचर की नकल उतार सबको हँसाना
हाय वो मेरे स्कूल का ज़माना कितना था सुहाना
लंच टाइम से पहले छुप कर सारा लंच चट कर जाना
लंच टाइम में पूरे स्कूल का चक्कर लगाना
वो लास्ट बेंच पर बैठ उलटी सीधी आवाज़ें निकालना
हाय वो मेरे स्कूल का ज़माना कितना था सुहाना
वो मेरा छोटी छोटी बातों पर दोस्तों से लड़ जाना
और फिर दोस्त आएंगे मनाने इस बात का इंतज़ार करना
वो क्लास बंक करके दीवार कूद स्कूल से भाग जाना
हाय वो मेरे स्कूल का ज़माना कितना था सुहाना,
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