Rizwan Ahmed 16-01-22
ऐ मुस्लमान तू अपने प्यारे आक़ा ﷺ की सुन्नतों को निभा
तुझसे हो पाए तो उनके नक़्श-ए-क़दम पर चल के दिखा
तेरा किरदार ऐसा हो के फ़रिश्ते भी तुझ पे रश्क़ करें
चाहत जो है अल्लाह की वही हाथ पाऊँ तेरे हरकत करें
कल क़यामत में तेरे आक़ा ﷺ तुझ पे ख़ुशी से फख्र करें
ये है मेरे हबीब ﷺ का उम्मती अल्लाह कहे ये करके दिखा
ऐ मुस्लमान तू अपने प्यारे आक़ा ﷺ की सुन्नतों को निभा
तुझसे हो पाए तो उनके नक़्श-ए-क़दम पर चल के दिखा
तेरे हाथों से तेरी ज़बान से दुनिया में हर कोई महफूज़ रहे
उम्मती ऐसे हैं इनके आक़ा कैसे होंगे हर कोई बस ये कहे
तेरी चाहतों में कभी धोखा फरेब जैसी लानत शामिल ना रहे
ऐ मुस्लमान तू अपने प्यारे आक़ा ﷺ की सुन्नतों को निभा
तुझसे हो पाए तो उनके नक़्श-ए-क़दम पर चल के दिखा
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