جو بھی چاہو نکال لو مطلب خاموشی گفتگو پی بھاری ہے، जो भी चाहो निकाल लो मतलब ख़ामोशी गुफ्तुगू पे भारी है
ایک غلط نمبر سے موبائل کا پاس ورڈ نہیں کھلتا تو گلت تاریکی سے زندگی گزارنے سے جنّت کا دروازہ کیسے کھل سکتا ہے،
एक गलत नंबर से मोबाइल का पासवर्ड नहीं खुलता तो गलत तरीके से ज़िंदगी गुज़ारने से जन्नत का दरवाज़ा कैसे खुल सकता है
زندگی کی کتاب کا ہر ورق ہمارے مطابق نہیں ہوتا بس اگر کوئی ایسا ورق آ جائے جسمے راحتیں نا ہوں تو صبر کیجئے کیونکے صبر کا بدلا صرف الله دیتا ہے اور وو ہی سبسے خوبصورت بدلہ دینے والا ہے،
ज़िन्दगी की किताब के सब पन्ने हमारे मुताबिक़ नहीं होते बस अगर कोई पन्ना ऐसा आ जाये जिसमे राहतें ना हों तो सब्र कीजिये क्योंकि सब्र का बदला सिर्फ अल्लाह देता है और वही सबसे खूबसूरत बदला देने वाला है
जो भी चाहो निकाल लो मतलब
ख़ामोशी गुफ्तुगू पे भारी है
ایک غلط نمبر سے موبائل کا پاس ورڈ نہیں کھلتا
تو گلت تاریکی سے زندگی گزارنے سے جنّت کا دروازہ کیسے کھل سکتا ہے،
एक गलत नंबर से मोबाइल का पासवर्ड नहीं खुलता
तो गलत तरीके से ज़िंदगी गुज़ारने से जन्नत का दरवाज़ा
कैसे खुल सकता है
زندگی کی کتاب کا ہر ورق ہمارے مطابق نہیں ہوتا
بس اگر کوئی ایسا ورق آ جائے جسمے راحتیں نا ہوں
تو صبر کیجئے کیونکے صبر کا بدلا صرف الله دیتا ہے
اور وو ہی سبسے خوبصورت بدلہ دینے والا ہے،
ज़िन्दगी की किताब के सब पन्ने हमारे मुताबिक़ नहीं होते
बस अगर कोई पन्ना ऐसा आ जाये जिसमे राहतें ना हों
तो सब्र कीजिये क्योंकि सब्र का बदला सिर्फ अल्लाह देता
है और वही सबसे खूबसूरत बदला देने वाला है
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