Rizwan Ahmed 24-Nov-2020
اپنے خلاف باتوں کو خاموشی سے سنتا ہوں
جواب دینے کا حق مینے وقت کو دے رکھا ہے
अपने खिलाफ बातों को ख़ामोशी से सुनता हूँ
जवाब देने का हक़ मैंने वक़्त को दे रखा है,
نہیں ملا کوئی تیرے جیسا آج تک مجھکو
فر ستم کے ملا تو بھی نہیں
नहीं मिला कोई तेरे जैसा आजतक मुझको
फिर ये सितम के मिला तू भी नहीं
تھا مختصر لیکن
کمال کا تھا وو دردے موہببت
था मुख़्तसर लेकिन
कमाल का था वो दर्द-ए-मोहब्बत
مو فیرنے سے پہلے ذرا یہ تو سوچتے
آیا تھا کس کس کو ٹال کر میں تیرے پاس
मुँह फेरने से पहले ज़रा ये तो सोचते
आया था किस किस को टाल कर मैं तेरे पास
عشق ابتدا مے محبوب کو دھودتا ہے
اور انتہا مے خود کو
इश्क़ इब्तदा में महबूब को ढूंढ़ता है
और इंतहा में खुद को,
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