Rizwan Ahmed 24-Oct-2020
प्यारे तिरंगे तू हमारे दिल की धड़कनों में बसा है
चाहत बन के दौड़ा है रगों में खून बन के चला है
फख्र है तू तो हमारा सर बुलंद करने की वजह है
कट गया वो हाथ जो तेरी तरफ बुरी नज़र से बढ़ा है
दिल ही किया तिरंगे जान भी तुझपे क़ुर्बान है हमारी
एक तू और दूजा हिंदुस्तान ही तो पहचान है हमारी
तेरे दामन को हम तिरंगे कभी मैला नहीं होने देंगे
तुझपे कोई आंच आये इससे पहले जान अपनी देंगे
चमकता है दुनिया के झंडों में तू सबसे अलग
है तेरी शान अलग तेरी है पहचान अलग
तेरी साये तले हिन्दू मुस्लिम सब समाते हैं
गाते गीत खुशियों के तराने खुशियों के सुनाते हैं
कुछ ऐसे नफरती भी हैं जो तुझे अपना कहते हैं
मुँह में राम को रखते हैं बगल में छुरी भी रखते हैं
तुझको बदलने का सोचते हैं वो तेरे रंग से जलते हैं
तीन रंगों को तेरे एक रंग करने की कोशिस करते हैं
भला आज तक तेरे रंगों को भी कोई बदल पाया है
मिट गया खुद ही वो दुश्मन जो तुझसे टकराया है
0 Comments