Rizwan Ahmed 20-Oct-2020
मेरे अल्लाह तू हर दम हर वक़्त हर घडी साथ रहना मेरे
मै अकेला इस संगदिल जहाँ का सामना ना कर पाउँगा
मै तो बस एक धूल खाक जैसा हूँ तेरी मदद के बिना
बिन तेरी रहमत के अल्लाह मै इंसान बन ना पाउँगा
मेरी दुआओं को दीवारों से ना टकराने देना मेरे खुदा
बिन दुआओं के मै अपनी तक़दीर ना बदल पाउँगा
मेरे अल्लाह तू हर दम हर वक़्त हर घडी साथ रहना मेरे
मै अकेला इस संगदिल जहाँ का सामना ना कर पाउँगा
इम्तिहान डालना है तो इम्तिहान में साथ भी देना मेरा
बिन तेरी मदद के किसी इम्तिहान में पास ना हो पाउँगा
मै अकेला हूँ भरी दुनिया में मेरे आंसू पूछने वाला कोई नहीं
गर तूने भी ना पूछें आंसू मेरे अल्लाह तो मै कहाँ जाऊंगा
मेरे अल्लाह तू हर दम हर वक़्त हर घडी साथ रहना मेरे
मै अकेला इस संगदिल जहाँ का सामना ना कर पाउँगा
मौत का डर तेरी नाफ़रमानियों में मरने से मगर डरता हूँ
फर्माबरदार बन्दों में शुमार कर ले ख़ुशी ख़ुशी मर जाऊंगा
करता है दुआ क़ुबूल तू मज़लूम मज़बूरों की ऐ रहमान
मुझको मज़लूम मज़बूरों में शुमार करले मै संवर जाऊंगा
आमीन या रब्बुल आलमीन
0 Comments