Rizwan Ahmed 24-Oct-2020
काश कोई मुझको भी सिखादे वो तरीका
जिससे दिल जीत लेते हैं लोग किसी का
काश कोई महबूबा हमको भी बहुत चाहे
करे वो प्यार के वादे और उनको निभाए
भटके हैं इस बड़े से जहाँ में बहुत हम
कुछ और नहीं बस इसी ख्वाब को बुनते हम
पर वाह रे वाह दिल की कम नसीबी
हमको ना मिला दिल किसी रूप की कली का
काश कोई मुझको भी सिखादे वो तरीका
जिससे दिल जीत लेते हैं लोग किसी का
ना देखा मैंने कोई झूमता बरसता सावन
ना थामा मैंने कोई प्यारा खूबसूरत दामन
काश हमको भी ले जाए कोई वहां पर
रहते हैं दिलदार दिलनशीं जहां पर
पर वाह रे वाह दिल की कम नसीबी
हमको तो मिला ना पता यार की गली का
काश कोई मुझको भी सिखादे वो तरीका
जिससे दिल जीत लेते हैं लोग किसी का
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