Rizwan Ahmed 07-Oct-2020
किसी इंसान को दुःख देना उतना ही आसान है
जितना के समुन्दर में पत्थर फेंकना, लेकिन ये
कोई नहीं जानता के पत्थर कितनी गहराई तक
गया है,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
ये ज़िन्दगी दो दिन की है,
एक दिन तुम्हारे हक़ में दुसरे दिन तुम्हारे मुखालिफ,
जिस दिन तुम्हारे हक़ में हो उस दिन गुरूर मत करना
जिस दिन ततुम्हारे खिलाफ हो उस दिन सब्र करना,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
हक़ बात की पहली निशानी है उसकी हमेशा मुखालफत होती है
जिस की बिलकुल मुखालफत ना हो वो कतई हक़ नहीं,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
रिश्तों की ख़ूबसूरती एक दुसरे की बात को बर्दास्त करने में है
बेऐब इंसान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
अपने अंदर परिंदे जैसी आजिज़ी पैदा करो
जो आसमान की बुलन्दी को छू कर भी अपनी
गर्दन झुका कर रखता है,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
एक यहूदी ने हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु से पुछा तुम्हारा अल्लाह नज़र क्यों नहीं आता
हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु ने कहा सूरज को देखो, वो बोला मै सूरज को नहीं देख सकता
हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु ने कहा जब तुम सूरज को नहीं देख सकते तो उसको कैसे देख
सकते हो जिसने इस सूरज को बनाया है,
बुराई की मिसाल ऐसी है जैसे पहाड़ से निचे उतरना
एक क़दम उठाओ तो बाकी उठते चले जाते हैं,
अच्छाई की मिसाल ऐसी होती है जैसे पहाड़ पे चढ़ना
हर क़दम पीछे क़दम से मुश्किल होता है
लेकिन हर क़दम पर बुलन्दी मिलती है,
(हज़रत अली करीमुल्लाहु वजहु)
- दोस्त का इम्तिहान मुसीबत में होता है,
- बीवी का इम्तिहान ग़ुरबत में,
- मोमिन का इम्तिहान गुस्से में,
- आँख का इम्तिहान बाजार में,
- ज़बान का इम्तिहान महफ़िल में,
- दिल का इम्तिहान इश्क़ में,
- हाथ का इम्तिहान खाना खाने में,
- और इंसान का इम्तिहान क़ब्र में होता है,
0 Comments