Rizwan Ahmed 28-September-2020
एक लड़के ने अपने बाबा से पुछा: बाबा मर्द को कैसे पता चले के उसका किरदार कैसा है
क्योंकि कोई भी इंसान खुद को गलत नहीं समहता,
बाबा ने जवाब दिया, जब तुम्हे लगे के तुम्हारी बहन बेटी को तुम्हारे जैसा इंसान मिले
तो समझो के तुम हक़ पर हो, वरना खुद को सुधार लो,
आज़माइश यक़ीन छीन लेने में नाकाम रही
तो आप कामियाब हैं,,
चाबी से खुला ताला बार बार काम आता है,
और हथोड़ी से खुला ताला बस एक ही बार काम आता है,
इसी तरह रिश्तों के तालों को गुस्से की हथोड़ी से नहीं
मोहब्बत की चाबी से खोलें,,
चेहरों और रंग रूप का मज़ाक बनाते हुवे हम लोग
ये क्यों भूल जाते हैं , के हर चेहरा बनाने वाला एक
ही ख़ालिक़ है,
अगर एक चराग़ से दूसरा चराग़ रोशन हो सकता
है तो,
एक इंसान दुसरे इंसान को नेकी का रास्ता ज़रूर
दिखा सकता है
हम रास्ते में हुवे हादसे को देखने के लिए ये सोच कर रुकते भी हैं
तो महज ये देखने के लिए के कोई हमारा अपना तो नहीं,
काश के हम दर्द बांटना भी जानते,
हम में से बहुत से लोग मालदारों को तो क़ीमती तोहफे
और गरीबों को इस्तेमाल किये हुवे कपडे देते हैं,,
हर मुश्किल इंसान की हिम्मत का इम्तिहान है
इंसान जब कुछ बुरा करता है तो आगे पीछे दाएं बाएं
सब तरफ देख लेता है,
बस ऊपर ही नहीं देखता ,,
ख़ालिक़ से दिल लगाएं
मख्लूक़ दिल लगाने की चीज़ नहीं,
ख़ुशी अकेली ऐसीं चीज़ है जो हमारे पास
ना होते हुवे भी हम दूसरों को दे सकते हैं,
कुछ रास्तों की हक़ीक़त अल्लाह हमें इसलिए दिखता है,
ताकि हम नुकसान से पहले ही वापस मुड़ सकें,,
तस्वीर और तसव्वुर दोनों खूबसूरत होते हैं,
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